प्रमुख शीर्षक: “ब्लैक बॉक्स: विमान में रिकॉर्डिंग की आँख और कान”
परिचय: ब्लैक बॉक्स क्या है?
ब्लैक बॉक्स विमान में लगा एक डिवाइस होता है जो दो मुख्य भागों – Flight Data Recorder (FDR) और Cockpit Voice Recorder (CVR) – से मिलकर बनता है।

यह यात्रियों, क्रू, और दुर्घटनाग्रस्त परिस्थितियों सहित सभी रियल‑टाइम जानकारी को रिकॉर्ड करता है, जिसे दुर्घटना या अतिरिक्त जांच के समय उपयोग किया जाता है।
1. इतिहास और विकास
• 1953 में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डेविड वॉरेन ने FDR और CVR की कल्पना की थी ।
• 1960 के दशक में अमेरिकी जेम्स रयान और एडमंड बोनिफेस ने भी महत्वपूर्ण पेटेंट किए ।
• तब से अब तक तकनीक विकसित हो चुकी है, अब एमरजेंसी स्थिति में 25‑88 घंटे तक डेटा स्टोर किया जा सकता है।

2. ब्लैक बॉक्स का रंग और स्थान
ब्लैक बॉक्स नाम के बावजूद वास्तव में इसका रंग कमला‑नारंगी होता है, ताकि क्रैश साइट पर आसानी से मिल सके ।
यह विमान के पूंछ क्षेत्र (tail section) में लगाया जाता है, जहाँ दुर्घटना के बाद इसका बचना अधिक संभावित होता है।
3. तकनीकी निर्माण और क्रैश‑सर्वायवल
- Crash‑Survivable Memory Unit (CSMU): अत्यधिक दबाव, तापमान और ध्वनि झटकों में भी डेटा सुरक्षित रखती है।
- प्रतिकूल परिस्थितियों (तीव्र ताप, गहराई, उच्च g-force) में काम करने के लिए डिज़ाइन।
- Underwater Locator Beacon (ULB), जो पानी में सक्रिय होकर 37.5 का Hz पर सिग्नल भेजता है।

4. Flight Data Recorder (FDR) – कार्य और विशेषताएँ
- FDR विभिन्न सेंसर से डेटा एकत्रित करता है – जैसे ऊँचाई, गति, झुकाव, नियंत्रण की स्थिति, ईंधन प्रवाह आदि ।
- 1960‑70 के समय बस 5 मापांक रिकॉर्ड करता था; अब 1,000+ पैरामीटर ।
- आधुनिक सॉलिड‑स्टेट FDR, 25 घंटे तक डेटा स्टोर कर सकते हैं ।
5. Cockpit Voice Recorder (CVR) – ध्वनि रिकॉर्डिंग
- कोकपिट के माइक्रोफोन द्वारा वार्तालाप, अलार्म, और अन्य ध्वनियाँ रिकॉर्ड होती हैं ।
- पहले 30 मिनट रिकॉर्डिंग क्षमता थी; अब तक 2 घंटे ऑडियो स्टोर किया जा सकता है ।
- क्रैश के समय कॉलबैक फिल्मों, ध्वनि संकेतों से “क्या हुआ” पता चलता है ।
6. डेटा संग्रह प्रक्रिया
- Sensors → Flight‑Data Acquisition Unit (FDAU)
- FDAU डेटा को FDR और CVR में भेजता है।
- ऊर्जा स्रोत: विमान का डीसि 28V/ एसी 115V सिस्टम।
- दोहरे पावर सप्लाई से रिकॉर्डिंग जारी रहती है।

7. पुनः प्राप्ति प्रक्रिया
- दुर्घटना होने पर, ब्लैक बॉक्स खोजकर तुरंत निकाला जाता है और जांचकर्ता सुरक्षित स्थान पर ले जाते हैं ।
- जांच में रूटीन प्रक्रिया:
- मरीन वातावरण → मधु‑जल
- सुखाने के लिए वैक्यूम ओवेन
- इलेक्ट्रॉनिक रिपेयर या चिप‑लेवल जांच ।
8. ब्लैक बॉक्स की महत्वता
- दुर्घटना कारणों का पता
- सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, मानव त्रुटि की पहचान
- नई एयर‑सेफ्टी गाइडलाइन तैयार करना
- भविष्य में दुर्घटनाएं रोकने में मदद ।
9. ऐतिहासिक उदाहरण
- Air France Flight 447: 2009 दुर्घटना; ब्लैक बॉक्स 2 वर्ष बाद पाया, डेटा ने एयर-स्पीड से संबंधित समस्या को उजागर किया ।
- Ethiopian Airlines 302: Boeing 737 MAX; ब्लैक बॉक्स तेज़ी से मिलने से पहली स्टडी जल्द शुरू हुई ।
- Malaysia Airlines MH370: ब्लैक बॉक्स न मिलने से कारण अस्पष्ट रहा; तकनीकी विकास हेतु प्रेरणा ।
10. आधुनिक तकनीक और भविष्य
- रिकॉर्डिंग क्षमता, ताप और गहराई रोध बढ़ी
- बहु‑गुणसूत्रीय (multi-modal) रिकॉर्डिंग
- सैटेलाइट स्ट्रीमिंग – रीयल‑टाइम डेटा ट्रांसमिशन का परीक्षण चल रहा है ।
- AI और ML के साथ ऑटोमैटिक एनॉमली डिटेक्शन का विकास हो रहा है।
11. संचालन और विनियामक पहल
- ICAO और FAA जैसे निकाय सेट करते हैं मानक:
- 3,400g तक दबाव, 1,000°C ऊष्मा, 14,000 फीट गहराई का सहिष्णुता।
- FAA ने 25 घंटे रिकॉर्डिंग प्रस्तावित किया ।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसियाँ (जैसे भारत में AAIB) सहित NTSB, BEA, FAA व अन्य प्रयोग करते हैं।
12. अहमदाबाद हादसे का केस स्टडी

- दिनांक: 12 जून 2025, एयर इंडिया Boeing 787 (AI‑171) अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ा; टेक‑ऑफ के तुरंत बाद दुर्घटना हुई।
- पीड़ित: 241 लोगों की मृत्यु और कई घायल।
- ब्लैक बॉक्स की भूमिका:
- FDR+CVR हॉस्टल की छत से मिला
- डेटा जांच शुरू; इंजन, फ्लैप, कंट्रोल की संभावित खराबी की जांच।
- अगली स्टेप्स: प्लेन की अन्य Dreamliners समिति द्वारा विशेष निरीक्षण, प्रारंभिक रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत होगी ।
13. निष्कर्ष:
ब्लैक बॉक्स विमान-सुरक्षा का एक आधार स्तंभ है। इसके बिना दुर्घटनाओं के कारण पता करना असंभव होता। आधुनिक तकनीक, AI और रीयल‑टाइम ट्रांसमिशन से इसकी क्षमता बढ़ रही है।
अहमदाबाद दुर्घटना में इसका प्रयोग फिर से साबित करता है कि ब्लैक बॉक्स से जीवन बचाने व भविष्य को सुरक्षित बनाने में मदद मिलती है।
14. 10 आम FAQs:
प्रश्न 1. ब्लैक बॉक्स का असली रंग कैसा होता है?
उत्तर – नारंगी, ताकि आसानी से ढूंढा जा सके।
प्रश्न 2 FDR और CVR में क्या अंतर है?
उत्तर – FDR → फ़्लाइट डेटा
CVR → कोकपिट आवाज़ें।
प्रश्न 3. यह कहाँ रखा जाता है?
उत्तर – विमान के पीछे (tail)।
प्रश्न 4. यह कितना डेटा स्टोर कर सकता है?
उत्तर – FDR: 25 घंटे+ डेटा, CVR: 2 घंटे ऑडियो।
प्रश्न 5. ULB क्या है और इसका जीवनकाल क्या होता है?
उत्तर – Underwater Locator Beacon; ~30 दिन तक पिंग भेजे जाते है।
प्रश्न 6. डाटा निकालने में कितना समय लगता है?
उत्तर – प्रारंभिक रिपोर्ट 24 घंटे; पूर्ण रिपोर्ट कई सप्ताह या महीने में।
प्रश्न 7. क्या रीयल‑टाइम ब्लैक बॉक्स संभव है?
उत्तर – हाँ, सैटेलाइट आधारित मॉडल परीक्षण में है।
प्रश्न 8. ब्लैक बॉक्स केवल दुर्घटनाओं में ही उपयोगी है?
उत्तर – नहीं, तकनीकी खराबी व मामूली घटनाओं में भी जांच में मदद करता है।
प्रश्न 9. क्या यह चोरी हो सकता है?
उत्तर – अत्यधिक सुरक्षित और traceable है।
प्रश्न 10. ब्लैक बॉक्स खो जाए तो क्या?
उत्तर – कई दुर्घटनाओं जैसे MH370 में ऐसा हुआ, जिससे जांच धीमी हुई।
निष्कर्ष:
ब्लैक बॉक्स, यद्यपि इसका नाम भ्रामक है, विमान सुरक्षा की दृष्टि से एक बहुत मूल्यवान यंत्र है। इसके माध्यम से विमान दुर्घटनाओं में कहीं गए संकेत बरामद होते हैं, जो भविष्य में सुरक्षा उपायों को मजबूत बनाते हैं।